अर्ज किया है..
इख्तीयार-ए-तरन्नुम से तबस्सुम की रौशनी को
जला देना...
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वाह..! वाह...!
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जब इसका मतलब समझ में आये तो
मुझे भी बता देना..
संगदिल ज़माने को रिझाना ना आया सब कुछ सीखा बस भजन गाना ना आया कहा था किसी ने के सीख लो शायरी ये रास्ता माक़ूल हे मोहब्बत पाने को फिर हमन...
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