"मोहब्बत का मज़ा पागलपन में हैं...,,
समझदारियों में इश्क़ घुटन बन जाता हैं...!!!"
"मेरी उम्र की दास्तान लम्बी हैं
आराम कम हैं थकान लम्बी हैं
पैंर फिसलें तो खतायें याद आईं
कैंसे ठहरें अब ढलान लम्बी हैं
जिंदगी की जरूरतें समझों
वक्त कम हैं बहुत काम बाकी हैं
प्यार मोहब्बत औंर वफा की बातें
छोड़ियें साहब दास्तान लम्बी हैं...!!!"
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