मुद्दत बाद जब उसने मेरी खामोश आँखें देखी तो..!!
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*ये कहकर फिर रुला गया कि लगता है अब सम्भल गए हो..!!
हम जिसे छिपाते फिरते हैं उम्रभर,वही बात बोल देती है*
*शायरी भी क्या गजब होती है,हर राज खोल देती है..
जान लेने पे तुले हे दोनो मेरी..
इश्क हार नही मानता..
दिल बात नही मानता
हर मर्ज़ का इलाज नहीं दवाखाने में...!!*
*कुछ दर्द चले जाते है दोस्तो के साथ मुस्कुराने में...!!*
सलीका इतना अदब का ,
*तो बरकरार रहे,
*रंज़िशें अपनी जगह हों,
*सलाम अपनी जगह !
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