सोमवार, 25 दिसंबर 2017

Biometric

जी जान लगा दी हमने,
“नाम” को “दस्तख़त” बनाने में।

ये “कमबख़्त” ज़माना लौटकर
“अंगूठे” पर आ गया।।

*Biometric

दोस्ती रूह में उतरा हुआ मौसम है जनाब.........*

*ताल्लुक कम करने से दोस्ती कम नहीं होती............!!!

रिश्ते बरकरार रखना चाहते हो ना....साहिब !*
*तो
*भावनाओं को देखो.........

*सम्भावनाओं को नही ..........!! !

बड़ी मतलबी है दुनिया........*

*सौदा संभल के कीजिये..........

*मतलबी लिफाफों में बेशुमार दिल मिलते हैं यहाँ...........!!!

कफ़न न मेरा हटाओ ज़माना देख न ले..........*

*मैं सो गया हूँ तुम्हारी निशानियाँ ले कर.............!!!

हिचकियों को न भेजो अपना मुखबिर बना कर.........*

*हमें और भी काम हैं तुम्हें याद करने के अलावा............!!!

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