गुरुवार, 30 नवंबर 2017

थोडा थक गया हूँ , , ,

थोडा थक गया हूँ , , ,
दूर निकलना छोड दिया है।
*. . . पर ऐसा नहीं है की , , ,*
*मैंने चलना छोड दिया है ।।*

     फासले अक्सर रिश्तों में , , ,
    . . . दूरी बढ़ा देते हैं।
     *. . . पर ऐसा नही है की , , ,*
*मैंने अपनों से मिलना छोड दिया है ।।*

हाँ . . . ज़रा अकेला हूँ , , , दुनिया की भीड में।
*. . . पर ऐसा नही की , , ,*
*मैंने अपनापन छोड दिया है ।।*

    याद करता हूँ अपनों को, ,
  . . . परवाह भी है मन में।
    *बस , कितना करता हूँ , , ,*
*ये बताना छोड दिया।।*

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