पानी से भरी आंख लेकर मुझे घूरता ही रहा,,
आईने में खडा़ वो शख्स,उदास बहुत था..!!
कुछ रिश्ते उम्र भर अगर बेनाम रहे तो अच्छा है,
आँखों आँखों में ही कुछ पैगाम रहे तो अच्छा है
मेरा झुकना और तेरा खुदा हो जाना,
यार अच्छा नहीं इतना बड़ा हो जान
वो कहता है कि बता तेरा दर्द कैसे समझूँ..?
मैंने कहा.... इश्क़ कर और कर के हार जा...!!
रूठे रिश्ते,
और
नाराज लोग,
सबूत है इस बात का,
जज्बात अब भी जुड़े रहने की ख्वाहिश रखते है..!!
चंद अल्फाज़ में बयां कर देती है हाले-दिल,
ये शायरी भी चीज बड़े काम की है।
मुस्कराहट का कोई मोल नहीं होता, कुछ रिश्तों का कोई तोल नहीं होता, लोग तो मिल जाते है हर मोड़ पर.. हर कोई आप सब की तरह अनमोल नहीं होता!
"जब मिली होगी उसे मेरी हालत की खबर,
उसने आहिस्ता से दिवार को जरूर थामा होगा !!"
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