मंगलवार, 31 अक्टूबर 2017

Legends of Urdu poetry

एक ही विषय पर 6 शायरों का अलग नजरिया.... जरूर पढें :- आप उर्दू शायरी की महानता की दाद देने पर मज़बूर हो जाएंगे.....

1- *Mirza Ghalib*: 1797-1869

"शराब पीने दे मस्जिद में बैठ कर,
या वो जगह बता जहाँ ख़ुदा नहीं।"

....... इसका जवाब लगभग 100 साल बाद मोहम्मद इकबाल ने दिया......

2- *Iqbal*: 1877-1938

"मस्जिद ख़ुदा का घर है, पीने की जगह नहीं ,
काफिर के दिल में जा, वहाँ ख़ुदा नहीं।"

....... इसका जवाब फिर लगभग 70 साल बाद अहमद फराज़ ने दिया......

3- *Ahmad Faraz*: 1931-2008

"काफिर के दिल से आया हूँ मैं ये देख कर,
खुदा मौजूद है वहाँ, पर उसे पता नहीं।"

....... इसका जवाब सालों बाद वसी ने दिया......

4- *Wasi*:1976-present

"खुदा तो मौजूद दुनिया में हर जगह है,
तू जन्नत में जा वहाँ पीना मना नहीं।"

वसी साहब की शायरी का जवाब साकी ने दिया

5- *Saqi*: 1936-present

"पीता हूँ ग़म-ए-दुनिया भुलाने के लिए,
जन्नत में कौन सा ग़म है इसलिए वहाँ पीने में मजा नही।".....

Legends of Urdu poetry

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

संगदिल ज़माने को रिझाना ना आया

संगदिल ज़माने को रिझाना ना आया सब कुछ सीखा बस भजन गाना ना आया कहा था किसी ने के सीख लो शायरी ये रास्ता माक़ूल हे मोहब्बत पाने को फिर हमन...