हमें कोई ना पहचान पाया करीब से,
कुछ अंधे थे...कुछ अंधेरों में थे।
_नहीं जो दिल में जगह तो नजर में रहने दो,
मेरी हयात को तुम अपने असर में रहने दो।।
करूँ क्यों फ़िक्र की
*मौत के बाद जगह कहाँ मिलेगी
*जहाँ होगी महफिल मेरे यारो की
*मेरी रूह वहाँ मिलेगी
मैं निकला सुख की तलाश में रस्ते में खड़े दुखो ने कहा,
*हमें साथ लिए बिना सुखों का पता नहीं मिलता जनाब.....
उठाकर देखी जब,*
*तस्वीरें बीते सालों की...
*ठहरा हुआ मिला,*
*एक वक़्त मुस्कुराता-सा.....
बुरे में अच्छा ढूँढो तो कोई बात बने,
*अच्छे में बुराई ढूँढना तो दुनिया का रिवाज है।
मेरी आँखों से..... जो गिरता है..... वो दरिया देखो........!
_*मैं हर..... हाल में ख़ुश हूँ..... मेरा नज़रिया देखो........!!
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