गुरुवार, 23 नवंबर 2017

हाथ

न हाथ थाम सके ,न पकड़ सके दामन ...

बहुत ही करीब से गुजर कर बिछड़ गया कोई !!

उन का अंदाजे-ए-करम,,, उन पर वो आना दिल का....!

हाय...!!... वो वक़्त.., वो बातें..., वो जमाना दिल का...!!

मेरे लफ़्ज़ों का असर उस पर क्यों नही होता
वो एक कमी मेरी तेहरीर में क्या है ...

वो जो हाथ तक से छुने को बे-अदबी समझता था,
गले से लगकर बहोत रोया बिछड ने से जरा पहले...!!

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