शनिवार, 30 दिसंबर 2017

दिल में इंतजार

दिल में इंतजार की लकीर छोङ जायेगे .........*

*आँखों में यादो की नमी छोड़  जायेगे.........

*ढूंढ़ते फिरोगे हमें एक दिन ........

*जिन्दगी में एक दोस्त की कमी छोङ जायेगे.........!!!

तेरे दिल में मुझे उम्रकैद मिले...........

*थक जायें सारे वकील.........

*फिर भी जमानत ना मिले..........!!!

मुरझा गए फूल खिलकर हसरतों के........

*नाकाम हुए सपने हमारी मुहब्बतों के.........

*दुनियां ने छिन लिया मुझसे यार मेरा........

*मुझे याद आ रहे हैं दिन कुरबतों के.............!!!

निभाया वादा हमने शिकवा न किया........

*दर्द सहे मगर तुझे रुसवा न किया.........

*जल गया नशेमन मेरा, खाक अरमां हुए..........

*सब तुने किया मगर मैने चर्चा न किया............!!!

टूटेगा तेरा ये भरम धीरे-धीरे........

*निकलेगा इश्क़ में तेरा भी दम धीरे-धीरे.........

*आसान नही है इश्क़ के समंदर से निकल जाना.........

*डूबेगा इसमे तू भी सनम धीरे-धीरे.............!!!

कई ख्वाब मुस्कुराये सरे-शाम बेखुदी में........*

*मेरे लब पे आ गया था तेरा नाम बेखुदी में...........!!!

ऐ-जिंदगी तू खेलती बहुत है खुशियों से....!

*हम भी इरादे के पक्के हैं मुस्कुराना नहीं छोडेंगे ....!!

गुरुर किस बात का करें साहब ...!!*

*आज मिट्टी के ऊपर तो कल मिट्टी के नीचे ...

निखरती है मुसीबतों से
ही शख्सियत यारों !!
.
*जो चट्टान से ही ना उलझे
वो झरना किस काम का

स्मार्ट हो आप तो बुरे हम भी नही,
इंटेलिजेंट हो आप तो बुद्धू हम भी नहीं,
दोस्ती कर के कहते हो बिजी है हम,
याद करना हमसे सीखो फ्री तो हम भी नहीं..

मनुज आओ आगोश मे की इश्क-ए-अंजाम हो जाये..........

थोड़ा बुझे....थोड़ा जले....और दिसम्बर की शाम हो जाये.........

न्यू ईयर से पहले ...

जरा सा मुस्कुरा देना न्यू ईयर से पहले ….
हर गम को भुला देना न्यू ईयर से पहले ….
ना सोचो किस किस ने दिल दुखाया ,
सब को माफ कर देना न्यू ईयर से पहले …
क्या पता फिर मौका मिले ना मिले इसलिए,
दिल को साफ कर देना न्यू ईयर से पहले ...

बुधवार, 27 दिसंबर 2017

दर्द कागज़ पर

*दर्द कागज़ पर,
          *मेरा बिकता रहा,
*मैं बैचैन था,
          *रातभर लिखता रहा..
*छू रहे थे सब,
          *बुलंदियाँ आसमान की,
*मैं सितारों के बीच,
          *चाँद की तरह छिपता रहा..
*दरख़्त होता तो,
          *कब का टूट गया होता,
*मैं था नाज़ुक डाली,
          *जो सबके आगे झुकता रहा..
*बदले यहाँ लोगों ने,
         *रंग अपने-अपने ढंग से,
*रंग मेरा भी निखरा पर,
         *मैं मेहँदी की तरह पिसता रहा..
*जिनको जल्दी थी,
         *वो बढ़ चले मंज़िल की ओर,
*मैं समन्दर से राज,
         *गहराई के सीखता रहा...........!!!

उम्र का पानी...

*खतरे के*
*निशान से ऊपर बह रहा है*
*उम्र का पानी...*

*वक़्त की बरसात है कि*
*थमने का नाम नहीं*
*ले रही...*

*आज दिल कर रहा था,*
*बच्चों की तरह रूठ ही जाऊँ,*
*पर...*

*फिर सोचा,*
*उम्र का तकाज़ा है,*
*मनायेगा कौन...*

*रखा करो नजदीकियां,*
*ज़िन्दगी का कुछ भरोसा*
*नहीं...*

*फिर मत कहना*
*चले भी गए*
*और बताया भी नहीं...*

*चाहे जिधर से गुज़रिये,*
*मीठी सी हलचल*
*मचा दीजिये...*

*उम्र का हरेक दौर मज़ेदार है,*
*अपनी उम्र का*
*मज़ा लिजिये....*

अनुभव

*लगन* व्यक्ति से वो करवा लेती है,
जो वह नहीं कर सकता।

*साहस* व्यक्ति से वो करवाता है,
जो वह कर सकता है।

किन्तु *अनुभव* व्यक्ति से वही करवाता है,
जो वास्तव में उसे करना चाहिये...!!!
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सोमवार, 25 दिसंबर 2017

Biometric

जी जान लगा दी हमने,
“नाम” को “दस्तख़त” बनाने में।

ये “कमबख़्त” ज़माना लौटकर
“अंगूठे” पर आ गया।।

*Biometric

दोस्ती रूह में उतरा हुआ मौसम है जनाब.........*

*ताल्लुक कम करने से दोस्ती कम नहीं होती............!!!

रिश्ते बरकरार रखना चाहते हो ना....साहिब !*
*तो
*भावनाओं को देखो.........

*सम्भावनाओं को नही ..........!! !

बड़ी मतलबी है दुनिया........*

*सौदा संभल के कीजिये..........

*मतलबी लिफाफों में बेशुमार दिल मिलते हैं यहाँ...........!!!

कफ़न न मेरा हटाओ ज़माना देख न ले..........*

*मैं सो गया हूँ तुम्हारी निशानियाँ ले कर.............!!!

हिचकियों को न भेजो अपना मुखबिर बना कर.........*

*हमें और भी काम हैं तुम्हें याद करने के अलावा............!!!

तज़ुर्बा

आँखों की झील से दो कतरे क्या निकल पड़े,*
*मेरे सारे दुश्मन एकदम खुशी से उछल पडे़।*
[

फ़ासला भी ज़रूरी था.. चिराग़ रौशन करते वक़्त*
*ये तज़ुर्बा हासिल हुआ.. हाथ जल जाने के बाद।

ठहाके छोड़ आये हैं अपने कच्चे घरों मे हम*....

*रिवाज़ इन पक्के मकानों में बस मुस्कुराने का है

संगदिल ज़माने को रिझाना ना आया

संगदिल ज़माने को रिझाना ना आया सब कुछ सीखा बस भजन गाना ना आया कहा था किसी ने के सीख लो शायरी ये रास्ता माक़ूल हे मोहब्बत पाने को फिर हमन...