बुधवार, 14 मार्च 2018

क्या-क्या समझ लेती है...

तरस जाओगे हमारे लबों से सुनने को एक लफ्ज भी....!!*

*प्यार की बात तो क्या हम शिकायत तक नहीं करेंगे....!!

तरस जाओगे हमारे लबों से सुनने को एक लफ्ज भी....!!*

*प्यार की बात तो क्या हम शिकायत तक नहीं करेंगे....!!

उल्फ़त के मारों से ना पूछों आलम इंतज़ार का...,,

पतझड़ सी है ज़िन्दगी और ख्याल है बहारो का...!!

एक पल में बरबाद कर दे जो दिल की सारी बस्ती,*
*वो लोग दिखने में अक्सर मासूम ही हुआ करते है ..

दुनिया का सबसे बेहतर टॉनिक है ज़िम्मेदारी...*

*एक बार पी लो ज़िंदगी भर* *थकने ही नही देता....

"वक्त्त"जब भी शिकार करता है* .......

*हर दिशा से वार करता है

एक मैं हूँ कि समझा नहीँ
*खुद को आज तक

*एक दुनिया है कि न जाने मुझे
*क्या-क्या समझ लेती है...

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